हाँ..
पानी तेरा रंग कैसा है
जिसमें मिला दूं वैसा है
खुशबू तेरा रंग कैसा है
जिसमें मिला दूं वैसा है
तुझमें मैं खो जाऊं
तेरी मैं हो जाऊं
साथ चलूँ तेरे सैंया
ख्वाबों का रंग कैसा है
नींदों में खोया रहता है
हाँ.. पानी तेरा रंग कैसा है
जिसमें मिला दूं वैसा है
हाँ..
चेहक उठता है दिन
और शाम नगमे गुनगुनाती है
तुझे मैं याद करती हूँ तो
हर सेह मुस्कुराती है
तुझे पाने की धुन में
तुझे पाने की धुन में
बस यही हर बार कहती हूँ
यादों का रंग कैसा है
कच्चा हो इश्क वैसा है
रातों का रंग कैसा है
मेरी आँखें हैं वैसा है
पानी तेरा रंग कैसा है
जिसमें मिला दूं वैसा है
खुशबू तेरा रंग कैसा है
जिसमें मिला दूं वैसा है
हाँ..